पेरिस: पेरिस ओलंपिक में भारतीय महिला कुश्ती की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। स्टार खिलाड़ी विनेश फोगाट को फाइनल से पहले ही अयोग्य घोषित कर दिया गया। वजन जांच में वह निर्धारित वजन सीमा से थोड़ी अधिक पाई गईं, जिसके चलते उन्हें प्रतियोगिता से बाहर होना पड़ा।
विनेश फोगाट ने टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया था और फाइनल में पहुंचने की दौड़ में थीं। उनके इस अचानक बाहर होने से न केवल भारतीय प्रशंसक बल्कि पूरा देश मायूस हुआ है। विनेश फोगाट ने हमेशा से भारतीय कुश्ती का मान बढ़ाया है और उनसे देश को गोल्ड मेडल की उम्मीद थी।
पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट के साथ एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी, जिसके कारण उन्हें गोल्ड मेडल मैच खेलने से वंचित रहना पड़ा। विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक में जबरदस्त प्रदर्शन किया था और फाइनल में पहुंचने के लिए उन्होंने कई कठिन मुकाबले जीते थे। उन्होंने अपने सभी प्रतिद्वंद्वियों को मात दी थी और फाइनल में पहुंचकर उन्होंने गोल्ड मेडल जीतने की उम्मीद जगाई थी।
क्या हुआ था?
महिलाओं की 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल स्पर्धा में विनेश फोगाट फाइनल में पहुंचने वाली थीं, लेकिन फाइनल से पहले ही उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उनके शरीर में वजन की जांच के दौरान 100 ग्राम अधिक वजन पाया गया।
इसका क्या मतलब है?
कुश्ती में वजन सीमा एक बहुत ही महत्वपूर्ण नियम है। अगर कोई खिलाड़ी निर्धारित वजन सीमा से अधिक पाया जाता है, तो उसे प्रतियोगिता से अयोग्य घोषित कर दिया जाता है। यह नियम सभी खिलाड़ियों के लिए समान रूप से लागू होता है।
विनेश फोगाट इस घटना से बहुत निराश हुईं और उन्होंने इसे एक बड़ा झटका बताया। उन्होंने कहा कि उन्होंने पूरी मेहनत से इस ओलंपिक के लिए तैयारी की थी और उन्हें उम्मीद थी कि वे देश के लिए गोल्ड मेडल जीतेंगी।
इस घटना ने भारतीय खेल जगत में हलचल मचा दी। दर्शकों और मीडिया दोनों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी। कई लोगों ने विनेश फोगाट के साथ हुई इस घटना को अन्यायपूर्ण बताया, जबकि कुछ लोगों ने कहा कि नियम सभी के लिए समान होते हैं।
यह घटना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिखाती है कि खेल में कितनी छोटी सी गलती भी एक खिलाड़ी के करियर को बर्बाद कर सकती है। यह घटना यह भी दर्शाती है कि खेल में नियमों का पालन करना कितना महत्वपूर्ण है।
पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट के साथ जो हुआ, वह भारतीय खेल जगत के लिए एक बड़ा झटका था। यह घटना हमें याद दिलाती है कि खेल में सफलता पाने के लिए न केवल प्रतिभा बल्कि किस्मत का भी साथ होना जरूरी है।