बिहार खेल विश्वविद्यालय, राजगीर में पहली बैठक, कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए

राजगीर स्थित बिहार खेल विश्वविद्यालय में 29 अप्रैल 2025 को विश्वविद्यालय की प्रथम एकेडमिक एवं एक्टिविटी परिषद की ऐतिहासिक बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक विश्वविद्यालय के स्थापना के बाद शैक्षणिक और क्रियात्मक मामलों के सर्वोच्च सांविधिक निकाय के रूप में परिषद की पहली बैठक थी।
बैठक की अध्यक्षता कुलपति सह परिषद के अध्यक्ष श्री शिशिर सिन्हा, भा.प्र.से. (सेवानिवृत्त) ने की। परिषद के गठन की स्वीकृति बिहार सरकार के खेल विभाग द्वारा 20 जनवरी 2025 को दी गई थी। बैठक की शुरुआत कुलसचिव एवं परिषद के सदस्य सचिव श्री रजनी कांत द्वारा परिषद के सदस्यों के परिचय के साथ हुई। कुलपति ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार खेल विश्वविद्यालय राज्य सरकार, विशेषकर माननीय मुख्यमंत्री की परिकल्पना है, और विश्वविद्यालय इसे साकार करने की दिशा में पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा है।
बैठक में विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक सह डीन श्री निशिकांत तिवारी ने अब तक की प्रमुख उपलब्धियों की जानकारी दी। इसमें यूजीसी से मान्यता प्राप्त करना, ए.आई.यू. (Association of Indian Universities) की सदस्यता और आधिकारिक वेबसाइट (https://bsur.bihar.gov.in) का शुभारंभ शामिल है।
बैठक में शैक्षणिक सत्र 2025-26 से एथलेटिक्स और क्रिकेट में खेल प्रशिक्षण हेतु स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया गया। प्रत्येक पाठ्यक्रम में 20-20 सीटें निर्धारित की गई हैं। इन पाठ्यक्रमों के सिलेबस और परीक्षा योजना को भी बैठक में मंजूरी दी गई, जिसे मार्च 2025 में आयोजित राष्ट्रीय कॉन्क्लेव के दौरान विषय विशेषज्ञों द्वारा तैयार किया गया था। प्रवेश के लिए न्यूनतम योग्यता किसी भी विषय में स्नातक डिग्री और खेलों में सहभागिता का प्रमाण पत्र होना आवश्यक होगा।
परिषद ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के "स्नातक एवं स्नातकोत्तर डिग्री प्रदान करने हेतु विनियमन, 2025" को भी अंगीकृत करने का निर्णय लिया। इस विनियमन के तहत अब विश्वविद्यालय वर्ष में दो बार नामांकन ले सकेगा, साथ ही छात्रों को मल्टीप्ल एंट्री और एग्जिट का विकल्प मिलेगा। 40 क्रेडिट पर स्नातक प्रमाणपत्र, 80 क्रेडिट पर स्नातक डिप्लोमा और 120 क्रेडिट पर स्नातक डिग्री प्रदान की जाएगी।
बैठक में परीक्षा नियंत्रक की अध्यक्षता में एक प्रशिक्षण प्रकोष्ठ (Training Cell) के गठन का भी निर्णय लिया गया। यह प्रकोष्ठ राज्य के शारीरिक शिक्षा शिक्षकों एवं नामित मानव संसाधनों को गुणवत्ता युक्त प्रशिक्षण प्रदान करेगा।
इसके अलावा, विश्वविद्यालय द्वारा जारी किए जाने वाले स्नातकोत्तर डिप्लोमा को देश के अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे एनएसएनआईएस पटियाला द्वारा जारी डिप्लोमा के समकक्ष घोषित कराने के लिए राज्य सरकार से अनुरोध करने का भी प्रस्ताव पारित किया गया।