न्यूयॉर्क में खेले गए लगातार तीसरे लो-स्कोरिंग थ्रिलर मैच में दक्षिण अफ्रीका ने जीत हासिल कर टी20 वर्ल्ड कप के सुपर आठ चरण में अपनी जगह लगभग पक्की कर ली है, वहीं बांग्लादेश को क्रिकेट के कई विचित्र नियमों में से एक का खामियाजा भुगतना पड़ा.
114 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए बांग्लादेश की टीम 5 रन से चूक गई, जिसकी बड़ी वजह दक्षिण अफ्रीका के कप्तान एडेन मार्कराम द्वारा आखिर से दूसरी गेंद पर लपक कर लपका गया एक शानदार कैच रहा.
लेकिन उन्हें सुपर ओवर में जाने से भी चार रन से चूक का सामना करना पड़ा, जो एक कड़वा अनुभव था. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि 17वें ओवर में ऑस्ट्रेलियाई अंपायर सैम नोगाजस्की द्वारा दिए गए lbw फैसले को रिव्यू पर पलट दिया गया, जिसके बाद चार रन लेग बाई के रूप में जुड़ गए थे. लेकिन शुरुआती फैसले के कारण गेंद को डेड माना गया और उसे दोबारा फेंका नहीं गया.
जब एडिलेड के क्यूरेटर डेमियन हॉफ को न्यूयॉर्क के 34,000 सीटों वाले पॉप-अप मैदान के लिए पिच तैयार करने का काम सौंपा गया था, तो यह संभावना नहीं थी कि 120 रन को एक अच्छा स्कोर माना जाएगा. हालांकि पिचों पर ज्यादा छक्के नहीं देखने को मिले, लेकिन उन्होंने रोमांचक मुकाबले के लिए आदर्श परिस्थितियां बनाई हैं, जहां कड़ी मेहनत से बनाया गया हर एक रन मायने रखता है.
पहले बल्लेबाजी करते हुए दक्षिण अफ्रीका की टीम अपने चार ओवरों में 18 रन देकर 3 विकेट लेने वाले तनजीम हसन साकिब की बदौलत 23 रन पर 4 विकेट गंवा बैठी. इसके बाद हेनरिक क्लासेन (44 गेंदों में 46 रन जिसमें तीन छक्के शामिल हैं) और डेविड मिलर (38 गेंदों में 29 रन) ने 79 रन की साझेदारी की, इससे पहले कि बांग्लादेश ने पारी को समाप्त किया, अंतिम दो ओवरों में सिर्फ आठ रन दिए.
इसका मतलब दक्षिण अफ्रीका का स्कोर 6 विकेट पर 113 रन रहा, जिसमें तस्किन अहमद (4 ओवरों में 19 रन देकर 2 विकेट) और मुस्तफिजुर रहमान (4 ओवरों में 18 रन देकर 0 विकेट) ने भी प्रभावित किया.
हालांकि, बांग्लादेश को अपने जोरदार समर्थन के बावजूद बल्लेबाजी काफी कठिन लगी. एनरिक नॉर्टजे (17 रन देकर 2 विकेट) ने उन्हें 50 रन पर 4 विकेट तक पहुंचा दिया, इससे पहले कि तोहिद हृदय (37 रन) और महमदुल्लाह (20 रन) ने मोर्चा संभाला.
यह जोड़ी बांग्लादेश को जीत की ओर ले जाती हुई दिख रही थी, लेकिन कगिसो रबाडा (19 रन देकर 2 विकेट) ने हृदय को पगबाधा आउट कर स्कोर 5-94 कर दिया. बाउंड्री पहले से ही कम मिल रहीं थीं और आखिरी ओवर में 11 रन की दरकार थी, जो स्पिनर केशव महाराज द्वारा डाला जा रहा था.
वह तीन फुल टॉस फेंकने में बच गए, जिनमें से दूसरे को लपकते हुए मार्कराम ने लॉन्ग ऑन पर महमुदुल्लाह का कैच लिया और बांग्लादेश की टीम 7 विकेट पर 109 रन पर सिमट गई.