बिहार की अलका सिंह ने शॉटपुट में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीता

पटना: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में बिहार की बेटी अलका सिंह ने शॉटपुट में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीत लिया। वह खेलो इंडिया यूथ गेम्स में एथलेटिक्स में शॉट पुट में स्वर्ण पदक जीतने वाली बिहार की पहली एथलीट हैं। उन्होंने इससे पहले, खेलो इंडिया की अस्मिता लीग में भी स्वर्णिम सफलता हासिल की थी।
अलका ने पटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में एथलेटिक्स के अंडर-18 शॉटपुट में 14.73 मीटर की थ्रो के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। उनके इस प्रयास के पर बिहार ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में अपना चौथा स्वर्ण पदक जीता और पदक तालिका में खुद को 13वें स्थान पर पहुंचा दिया।
17 साल की अलका 2024 में खेलो इंडिया की अस्मिता लीग में खेली थी और वहां भी उन्होंने शॉट पुट स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। वहां पर उन्होंने चार किलो के गोले को 12.54 की दूरी फेंकने में सफल रही थी।
अलका ने अपनी स्वर्णिम सफलता का श्रेय खेलो इंडिया 2024 की अस्मिता लीग को देते हुए कहा, '' अपने राज्य बिहार के लिए स्वर्ण पदक जीतना मेरे लिए गर्व की बात है। इससे पहले, मैंने 2024 खेलो इंडिया की अस्मिता लीग में खेली थी और वहां भी मैंने स्वर्ण जीता था। वहां पर चार किलो के गोले को फेंकना था और इसे लेकर मैं नर्वस थी। लेकिन मेरे कोच ने मुझसे कहा कि तुम ये कर सकती हो। मैंने काफी हिम्मत करके उसमें भाग लिया और 12.54 की दूरी फेंकने में सफल रही थी। इससे मेरा आत्मविश्वास काफी बढ़ गया।''
खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में स्वर्ण जीतने के साथ ही अलका के पास अब तीन स्वर्ण हो गए हैं। उन्होंने इससे पहले, 2023 में पटना में अंडर-18 चैंपियनशिप में 13.10 मीटर का थ्रो फेंककर नेशनल रिकॉर्ड बनाया था। इसके बाद ओडिशा में 39वीं जूनियर चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। अलका का पहला खेलो इंडिया यूथ गेम्स था और इसमें वो स्वर्ण पदक जीतने में सफल रही हैं।
अलका बिहार के सीवान जिले की रहने वाली हैं। वह अपने कोच पदमगिरी के मार्गदर्शन में पिछले तीन साल से ट्रेनिंग कर रही है। पदम गिरी ने कहा कि खेलो इंडिया की अस्मिता लीग जैसी लीग में खेलने से ना सिर्फ अलका को बल्कि बिहार के कई एथलीटों को काफी अच्छा अनुभव मिल रहा है। इससे उन लड़कियों को फायदा हो रहा है जोकि ग्रामीण तबके से आती हैं।
अलका ने वहां पर भी खेलो इंडिया की अस्मिता लीग में 14 मीटर की दूरी फेंककर स्वर्ण पदक जीता था। लेकिन पिछले साल जूनियर नेशनल में उन्होंने 15.73 मीटर की दूरी फेंककर अपना बेस्ट प्रदर्शन किया था। वहां से अभी एक मीटर कम है।
खेलो इंडिया की अस्मिता लीग खेलों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और देश भर में विभिन्न आयु वर्गों की महिला एथलीटों को प्रतिस्पर्धा का अनुभव प्रदान करने के लिए, भारतीय खेल प्राधिकरण (साई), राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) के सहयोग से, कई आयु समूहों के लिए खेलो इंडिया अस्मिता महिला लीग/टूर्नामेंट आयोजित किया जाता है।
महिलाओं के लिए खेल मिशन के अपने हिस्से के रूप में, तकनीकी संचालन और अन्य आकस्मिक खर्चों के लिए साई, खेलो इंडिया (केआई) द्वारा आंशिक या पूर्ण रूप से वित्तपोषण प्रदान किया जाता है। 2021 में शुरू की गई अस्मिता लीग का उद्देश्य न केवल खेलों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना है, बल्कि लीग का उपयोग भारत के कोने-कोने में नई प्रतिभाओं की पहचान के लिए एक मंच के रूप में करना है।
कोच पदमगिरी ने कहा, '' मैं पिछले तीन साल के अलका को ट्रेनिंग दे रहा हूं। मैं सिवान के गांव में अपने पिता के स्कूल में जिम चलाता हूं, जहां मैंने खुद की अपनी जमीन पर फिजिकल स्पोर्ट्स अकादमी खोल रखा है।''
पदम गिरी के अकादमी से उनके बेटे सहित कई एथलीट राज्य और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीत चुके हैं। सीवान की ही 16 साल की सौम्या भी पदम गिरी के अकादमी से ही निकली हैं और वो भी खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में शॉट पुट में भाग लेने वाली हैं।
अलका की नजरें अब ओडिशा के भुवनेश्वर में अक्टूबर में जूनियर नेशनल चैंपियनशिप होने वाली है। उनकी अगुवाई में बिहार के कई एथलीट वहां पर पदक जीतने के लिए अपना दमखम दिखाएंगी। कोच ने कहा, ''जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में अलका अंडर-20 में खेलेंगी ताकि बिहार सरकार से उन्हें नौकरी मिल जाएगी।''